‘‘ कमी’ान’’ का रावण,
‘‘ कमी’ान खोरों’’ के हाथों जल गया।
जलते जलते कह गया,
मैंने केवल एक अपराध किया था,
सीता का हरण किया था।
सीता हरण के बहाने राम के हाथों,
अपना मोक्ष प्राप्त किया था।
मुझे हर साल जलाने से ,
कुछ हासिल नहीं होगा।
जब तक जिंदा हैं, दे’ा में,
कन्या भूण हत्यारे, बालात्कारी औ,
भृ”टाचारी,रुपी रावण,
तब तक इनके,अभि”ााप से,
दे’ा मुक्त नहीं होगा।
बेहतर है अब मुझे नहीं,
उन्हें जलाओ।
दे’ा को इन रावणों से
मुक्त कराओ
Uma Shankar Mehta
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